शनिवार, 29 अक्तूबर 2022

2022 का बिना घाटे वाला जबरदस्त बिजनेस आइडिया

 

अगर आप भी शहर मे रहकर करते हैं नौकरी, या फिर गाव में रहते है और नौकरी में या खेती में जी-तोड़ मेहनत करते है, लेकिन उसके वाबजूद आप अच्छी कमाई नहीं कर पाते है और आप अपना कोई अच्छा सा बिजनेस करना चाहते हैं तो आप के लिए हमारी ये पोस्ट बहुत फायदेमंद है

 

 

 

आज हम आप को एक ऐसे बिजनेस आइडिया के बारे मे बताने जा रहे है जो आप गाव मे रहकर या फिर शहर मे रहने पर भी कर सकते है अगर आप शहर मे रहते हैं तो इस व्यापार के लिए गाव में खेती होनी चाहिए यकीन मानिये अगर आप इस बिजनेस को अपने गांव या शहर से करते है तो आप इस  बिजनेस से कहीं ज्यादा कमाई कर सकते है

 

 


तो दोस्तों हमारे पास जो बिजनेस आयडिया है उसमें अगर आप मन से मेहनत करते है तो यकीन मानिये आप बहुत पैसा कमा सकते है और आप को पैसा कमाने के लिए अपने गांव से या अपने शहर से  दूसरे शहर मे भी नहीं जाना पड़े गा.

 

 

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हमारे इस बिजनेस आइडिया से आप अपने लोगों के साथ रहकर अच्छा पैसा कमा सकते है और अपने गांव या शहर के दूसरों को भी पैसा कमाने मे मदद कर सकते है

 

 

 

 

ये आइडिया ऐसा है जिसे आप सिर्फ कुछ रुपए की लागत में शुरू कर सकते हैं.  खास बात ये है कि इस बिजनेस में

आपको ज्यादा संसाधनों की जरूरत नहीं पड़ेगी,तो आइए

जानते हैं इस बिजनेस के बारे में...

 

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यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसके बिना  बहुत से घरों में लोगों का सुबह का नाश्ता अधूरा रहता है. हम आपको बता रहे हैं मखाना की खेती...

 

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जी हां मखाना की खेती जिसकी बाजार में जबरदस्त डिमांड है। यह एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसे, सर्दी, गर्मी बारिश हर मौसम में खाया जाता है। इसके अलावा इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी बड़े चाव से खाते हैं। इतना ही नहीं इस प्रोडक्ट की डिमांड गांव से शहरों तक हमेशा जोरदार बनी रहती है।

 

कहा होती है मखाना की खेती?

 

बिहार के 8 जिलों में सबसे अधिक मखाना की पैदावार होती है। इसमें कटिहार, दरभंगा, सुपौलस किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, अररिया, पश्चिम चंपारण जिले के किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। ये सभी जिले मिथिलांचल क्षेत्र में आते हैं।

 

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बात करे इसकी लागत की तो एक हेक्टेयर में मखाना की खेती करने के लिए 97,000 रुपये की लागत आती है। इस पर किसानों को अधिकतम 72,750 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी पाने के लिए इन 8 जिलों के किसान बिहार सरकार के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

 

बात करे इसके बीज  खरीदने में भी ज्यादा खर्च नहीं है, क्योंकि पिछली फसल के बचे बीज से नए पौधे उग आते हैं। इसकी खेती में सबसे ज्यादा खर्चा इसमे काम करने वाले मजदूरों का आता है इसमें पानी के ऊपर उगे फसलों की छंटाई करनी होती है। फसल के दाने को पहले भूना जाता है, फिर उसे फोड़ कर बाहर निकाला जाता है। इसके बाद उसे धूप में सुखाया जाता है, तब जाकर इसकी फसल पूरी तरह तैयार मानी जाती है। इस काम में मेहनत है और एक दो किसान के जिम्मे यह काम भारी है। लिहाजा मजदूरों का सहारा लेना पड़ता है जिसमें अच्छा-खास पैसा खर्च होता है। हालांकि बाजार में इसकी मांग को देखते हुए किसान मखाना बेचकर कई गुना तक मुनाफा कमा लेते हैं।

 

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और अगर बात करे इसमे होने वाले मुनाफे की तो मखाना की खेती तालाब के साथ-साथ एक से डेढ़ फीट गहरे खेत में भी की जा सकती है। इससे साल में करीब 3 से 4 लाख रुपये का मुनाफा हो जाता। बड़ी बात यह है कि मखाना निकालने के बाद स्थानीय बाजारों में इसके कंद और डंठल की भी भारी मांग होती है,

 

 

-तो दोस्तों कैसी लगी हमारी ये जानकारी. अगर पसंद आयी हो तो नीचे कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर के हमे बताये

जिससे हम आगे भी ऐसी ही नयी-नयी जानकारी आप के

लिए लाते रहे.

 

Note:- हमारी ये पोस्ट केवल आप के जानकारी के लिए बनाया गया है जिससे आप के दिमाग में इस तरह के आयडिया आए और हमारी इस पोस्ट से आप को मदद मिल सके. कोई भी व्यापार शुरू करने से पहले अच्छी तरह से जानकारी करले और उसके बाद ही किसी बिजनेस की शुरुआत करे.

 

 

 

 

 

 

 

धन्यवाद...

 

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