बुधवार, 8 मार्च 2017

बेनामी संपत्ति में ऐसे फंस सकते हैं आप, बचने के लिए जानें ये बातें

 मैं आज आप को जो बताने जा रहा हु हो सकता है की वो आप को पहले से ही इसकी जानकारी हो लेकिन अगर आप को इसकी जानकारी पहले से है तो बहुत ही अच्छी बात है लेकिन अगर आप को इसकी जानकारी नहीं है तो आज मैं आप को इसकी जानकारी देने जा रहा हु 

ऑनलाइन vegitable खरीदने के लिए यहाँ Click करे 

हो सकता है की ये जानकारी आप के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो तो फिर आइये चलते है अपने मैन पॉइंट पर की क्या होती है बेनामी सम्पत्ति और इसके लिए हमको क्या करना चहिये 

नोटबंदी के फैसले से पूरे देश को चौंकाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 दिन पहले ही अगले टारगेट की घोषणा कर दी थी। सरकार का अगला टारगेट बेनामी संपत्तियों. को जब्‍त करना होगा। इसके लिए 1 नवंबर से संशोधित कानून प्रभावी भी हो गया है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर बेनामी संपत्ति क्‍या है?  कहीं.आप तो किसी के बहकावे में आकर इस बेनामी संपत्ति के मालिक नहीं बन बैठे हैं। या फिर किसी के कहने पर आपके अंदर बेकार में ही बेनामी संपत्ति का.डर बैठ गया है। ऐसे में इसके बारे में आपके लिए इन बातों को जानना जरूरी है।

ये मानी जाती है बेनामी प्रॉपर्टी 

  इस तरह के लेनदेन जो संपत्ति के लिए किए जाते हैं, हालांकि इस संपत्ति खुद के नाम पर न खरीदकर दूसरों के नाम पर खरीदा. है। जिस व्‍यक्ति के नाम पर ये संपत्ति खरीदी जाती है, उसे बेनामदार कहा जाता है और संपत्ति बेनामी कहलाती है। बेनामी संपत्ति चल, अचल होने के साथ-साथ फाइनेंशियल डॉक्‍यूमेंट्स. के तौर पर भी हो सकती है।

पत्‍नी-बच्‍चों के नाम संपत्ति नहीं बेनामी

 बेनामी संपत्ति का जिक्र सामने आते ही सभी के मन में पत्‍नी–बच्‍चों के नाम की गई संपत्ति का ख्‍याल भी आता है, क्‍योंकि इस संपत्ति. के लिए पत्‍नी और बच्‍चे भुगतान करते नहीं है। लेकिन ऐसे मामलों में घबराने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि पत्‍नी-बच्‍चों के नाम पर खरीदी गई संपत्ति बेनामी नहीं कहलाती है।.बशर्ते इसका जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर किया गया हो। इसके अलावा आय में घोषित भाई, बहन व अन्‍य रिश्‍तेदारों के साथ साझेदारी वाली संपत्तियां भी बेनामी नहीं होती है।

अधिकतम हो सकती है 7 साल की सजा

 संसद में इसी साल अगस्‍त में बेनामी सौदा निषेध कानून पारित किया गया था। इसके प्रभाव में आने के बाद बेनामी सौदे निषेध. कानून, 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेन-देन कानून, 1988 कर दिया गया है। बेनामी संपत्ति रखने के दोषी को कम से कम 1 साल और अधिक से अधिक 7. साल की सजा हो सकती है। इसके साथ संपत्ति के बाजारी मूल्‍य का 25 फीसदी तक जुर्माना भी हो सकता है। यही नहीं अगर गलत जानकारी देने के दोषी को. कम से कम 6 महीने और अधिकतम 5 साल की सजा होने के साथ-साथ संपत्ति के मूल्‍य का 10 फीसदी जुर्माना हो सकता है। 

कई पहलुओं पर गौर करना अभी बाकी 


 जानकारों की मानें तो बेनामी संपत्ति पर वार करना आसान नहीं होगा। इसका कारण है कि देश के अधिकतर हिस्‍से ऐसे हैं, जहां पर. लैंड रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं हुए हैं। ऐसे में पुराने दस्‍तावेजों में इन्‍हें देखना बेहद मुश्किल होगा। साथ ही कई राज्‍य ऐसे हैं जहां पर भूमि स्‍वामित्‍व और इसके उपयोग की. स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है। यही नहीं, पूर्व में बेनामी लेनदेन के मामलों में वैध खरीदारों के संरक्षण के लिए प्रावधान किए गए हैं। संविधान के तहत भूमि राज्‍यों का विषय. माना जाता है, लेकिन बेनामी संपत्ति मामले में जब्‍त संपत्तियां केंद्र सरकार के दायरे में आएंगी। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Mai Aap Ki Madad Business Startup Karne ,Tally Ki Jankari Karne, or Entertainment ,Karne Me Karu Ga Agar Aap ko Koi Comment Karna Hai To Neeche Box Me Comment Kare

All Papuler Blog's