मंगलवार, 8 नवंबर 2016

चिकनगुनिया से बचाव और जाँच


 चिकनगुनिया से बचाव के तरीके

चूँकि चिकनगुनिया बुखार, मच्छरों के काटने से होता है । सम्भवतः जितना हो सके मच्छरों से बचा जाए
  1.  घर में सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें ।
  2.  घर में मच्छर भगाने वाले कॉयल , लिक्विड,इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग करें।
  3.  बाहर जाने से पहले मोस्कीटो रेप्लेंट क्रीम का प्रयोग करें ।
  4.  आपके घर के आसपास जलजमाव वाली जगह के सफाई का खासा ख्याल रखे । जलजमाव बिल्कुल भी न होने दे
  5.  घर के दरवाजे , खिड़कियों और रोशनदानों पर जालियां लगाकर रखे ।
  6.  टायर, डब्बे ,कूलर, A/C, पशुओ के लिए रखे पानी, गमले में रुके पानी को बदलते रहे और 2-3 दिन में साफ़ करते रहे
  7.  खाली बर्तनों को खुले में न रखे और उसे ढक कर रखे ।
  8.  अगर आस-पास में किसी को यह संक्रमण है तो विशेष सावधानी बरते।
  9.  अगर 2-3 दिन से अधिक समय तक बुखार हो तो तुरन्त चिकत्सक से मिले और रक्तजाच जरूर करा लें ।उपरोक्त लक्षण दिखने पर चिकित्सक के पास जाकर चिकनगुनिया बुखार के लक्षण का संदेह व्यक्त करे । डॉक्टर की सलाह, समय पर रोकथाम और उचित देखरेख इस रोग से संक्रमित व्यक्ति के लिए बहुत ही आवश्यक है.


चिकनगुनिया बुखार से जुड़े जाँचो में आरटी-पीसीआर, रक्त सीरम की जाँच और वायरस पृथक्करण मुख्य है जिससे रोगी में चिकनगुनिया बुखार होने का पता लगया जा सकता है ।

  • Virus Isolation : संक्रमण के शुरुआत के दिनों में रक्त से चिकनगुनिया के वायरस को अलग कर परिक्षण करने के लिए यह जांच की जाती हैं।

  • Enzyme-Linked Immunosorbent assays (ELISA) Test : इससे चिकनगुनिया के antibodies रक्त में है या नहीं यह जांच की जाती हैं।

  • Complete Blood Count (CBC) Test : इस रक्त परिक्षण में सफेद रक्त कण (White Blood Cells) और Platelet Count में कमी आने पर चिकनगुनिया होने की आशंका का निर्धारण किया जाता है ।
  • Reverse Transcriptase – Polymerase Chain Reaction (RT-PCR) Test : इससे चिकनगुनिया के Gene की जांच की जाती हैं ।

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