हिंदी शायरी
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!
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ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!
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एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दुसरे ही पल
ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की
लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार
बार तनहा छोड़ जाते हो तुम..!!
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एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दुसरे ही पल
ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की
लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार
बार तनहा छोड़ जाते हो तुम..!!
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उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे
की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता
तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे
दिल को मैं समझा नहीं सकता|
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फिर तेरा चर्चा हुआ, आँखें हमारी नम हुई,
धड़कने फिर
बढ़ गई, साँस फिर बेदम हुई,
चांदनी की
रात थी, तारों का पहरा भी था,
इसलिए ही शायद
गम की आतिशबाजी कम हुई|
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दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता|
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दिल का हर राज दे दिया उनको मैहरबान समझ कर,
लगाया मौत
को गले से हमने,उनका फरमान समझ,कर ,
वो नादान क्या
जाने मेरी दीवानगी कि हद को,
कि हर सितम
को सहा है हमने उसका अहसान समझकर|
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला|
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मुझे को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही,
आई ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही|
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हर भूल तेरी माफ़ की..
हर खता को तेरी भुला दिया..
गम है कि, मेरे प्यार का..
तूने बेवफा बनके सिला दिया|
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तू नहीं तो ये नज़ारा भी बुरा लगता है..
चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है..
ला के जिस रोज़ से छोड़ा है तुने भवँर में मुझको..
मुझको दरिया का किनारा भी बुरा लगता है..
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आप का अपना
अमन मस्ताना कटियार
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