गुरुवार, 19 मई 2016

कैसे मिलता है हमको अपनी मदद का बदला




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कहा जाता है दूसरों की  मदद करना ही  सबसेबड़ा धर्म है।

मदद एक ऐसी चीज़ है जिसकी जरूरत हर इंसान को पड़ती है, चाहे आप बूढ़े हो या बच्चे हो  या जवान; सभी के जीवन में एक समय ऐसा वक़्त  आता  है जब हमको दूसरों की  मदद की जरूरत  पड़ती है। आज हर इंसान ये बोलता है कि  कोई किसी की मदद नहीं  करता, पर आप खुद से  पूछिए की क्या आप ने कभी  किसी की  मदद की  है? अगर आप ने किसी दूसरों की मदद नहीं की आप दूसरों से मदद की उम्मीद  कैसे कर सकते है ?


आज मैं आप को यहाँ  एक स्टोरी कहानी बताने जा रहा हु जिसमे किसी की मदद को बताया गया है वो खुद भी इतना गरीब है फिर भी वो दूसरों की मदद करने की तम्मन्ना रखता है 

" एक गाओं  में किशोर  नाम का एक लड़का था जो बहुत गरीब  था। दिन  भर कड़ी  मेहनत  के बाद जगंल से लकड़ियाँ काट के लाता था   और उनको बाजार में या कही और  बेचा करता था  ।एक दिन  किशोर  सर पे लकड़ियों का गट्ठर लिए  जगंल से गुजर रहा था। अचानक उसकी नजर एक   बूढ़े इंसान पर पड़ी और उसने उस बूढ़े इंसान को देखा जो बहुत दुबला था   उसको देखकर लग रहा था की जैसे उसने बहुत  दिन से कहना नहीं खाया  है। किशोर का दिल पिघल गया लेकिन  वो बेचारा करता भी क्या ?

 क्यों  की उसके पास खुद खाने को नहीं था  वो उस बूढ़े का पेट कैसे भरता ? यही  सोचकर दुखी मन से किशोर  आगे बढ़ गया

आगे कुछ दूर चलने के बाद किशोर  को एक औरत दिखाई  दी जिसका बच्चा प्यास से रो रहा था इस जंगल में कही पनि नहीं था बच्चे की हालत को देख कर के किशोर समझ गया था की वो बच्चा बहुत प्यासा है और वो इसी वजह से रो रहा है  उसकी हालत को देख कर किशोर से रहा नहीं गया  लकिन इस बार वो फिर से बेबश और लचर था क्यों की उसके पास भी अपने खुद के लिए पानी नहीं था    और वो फिर से दुखी मन से आगे चल दिया  

कुछ दूर जाकर किशोर को एक आदमी दिखाई दिया जो अपना तमब्बू  लगने के लिए सोच रहा था और वो कुछ पैसे वाला भी लग रहा था और उसके पास खाने और पिने के लिए भी सामान था   और वो अपना तम्बू लगने के लिए कुछ लकड़ियों की था  किशोर ने उसको अपना  गट्ठर दे दिया और बदले में उसने उससे पैसे की जगह  कुछ खाने और पिने के लिए पनि माँगा  वो आदमी भी हैरान था  की उसने ऐसा क्यों किया लेकिन  फिर भी उसने  किशोर को  कुछ खाना  और पीने  के लिए पनि दे दिया 
किशोर के मन में कुछ ख्याल आया और वो वह दो पल के लिए भी नहीं रुका  और वो खाना, पानी लकेर वापस जगंल की  ओर दौड़ा। और जाकर बूढ़े व्यक्ति  को खाना खिलाया और उस औरत के बच्चे को भी पानी पीने को दिया  

ऐसा करके किशोर  बहुत अच्छा  महससू कर रहा था।


और  एक दिन किशोर उसी जंगल में  बहुत ऊचे  पहाड़ों  पर चढ़ कर  किसी पेड़ से लकड़ी काट रहा था  की अचानक  उसका  पैर फिसल गया और वो  निचे    गिरा  वो  बेहोश  हो चुका  था  उसके  सरीर  के  कई  भागो से खून भी निकल रहा था की तभी  वह वो बूढ़ा  व्यक्ति  पहुंच गया और  वो औुरत  भी  पहुंच गयी  जब उसके किशोर को देखा  तो वो उसको अपने साथ ले आये  और उस व्यक्ति ने  किशोर के सारे जख्मो को साफ किया और  उस स्त्री  ने अपनी साड़ी का कुछ भाग  फाड़  कर किशोर के उस जगह पर बांध  दिया जहां से खून  निकल रहा था 

और जब किशोर को होश आया तो उसने अपने आप को उन लोगो के बीच में पाया जो उसकी  ही अगल बगल  बैठ कर किशोर के होश में आने का इन्तजार कर रहे थे  और किशोर को होश में आते देख कर जैसे उनके चेहरे खिल उठे हो  अब किशोर भी अपने आप को कुछ सही महसूस कर रहा था  और तभी किशोर ने उन  दोनों को धन्यवाद  बोला और भगवान  से प्रार्थना  की ,

की भगवान  हमेशा उसको ऐसे ही दूसरों  की मदद के लिए प्रेरित  करता रहे 

इस कहानी के सहारे  हमारा  उद्देश्य  आप सभी तक  ये मैसेज  पहुंचना है की चाहे हम कितने  गरीब क्यों ना हो  फिर भी हमको किसी दूसरे  गरीब की मदद  करनी चाहिए 

और अगर हम गरीब नहीं है तो भी दूसरों की मदद करनी चाहिए  हो सकता है की हमारे द्वारा की गयी मदद से हमको किसी  समय  काम   जाये 

आप को हमारी ये कहानी कैसी लगी बताना भूलिए गा  और अगर पसंद आई हो तो अपने दोस्तों को शेयर करिये  और हमारे साथ जुड़ कर गरीब की मदद करने को बोलिए 

आप का अपना 

अमन मस्ताना कटियार 

(संस्थापक ऑफ़ कुर्मी युवा संस्था )

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